गुरुवार को राजधानी देहरादून स्थित नबार्ड क्षेत्रिय कार्यालय में कृषि एवं कृषक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने नाबार्ड के स्थापना दिवस कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि प्रतिभाग किया गया। बता दें कि मंत्री गणेश जोशी ने देश एवं प्रदेश में नाबार्ड द्वारा किए जा रहे कार्यों की प्रदर्शनी का अवलोकन कर नाबार्ड के कार्यकलापों के बारें में भी विस्तार से जानकारी ली। कार्यक्रम में प्रदेश के विभिन्न जनपदों से पहुंचे किसान उत्पादक संगठनों (एफपीओ) के लाभार्थियों ने अपने अनुभवों को भी साझा किया।
इस अवसर पर कृषि मंत्री गणेश जोशी ने नाबार्ड के 43वें स्थापना दिवस की बधाई एवं शुभकामनाएं दी। कृषि मंत्री गणेश जोशी ने कहा नाबार्ड की स्थापना आज से 42 वर्ष पहले 12 जुलाई 1982 को हुई थी और तब से यह संस्था निरंतर कृषि और ग्रामीण विकास के क्षेत्र में अतिमहत्वपूर्ण भूमिका निभाता चला आ रहा है। उन्होंने कहा नाबार्ड ने उत्तराखंड के विकास में भी महत्वपूर्ण योगदान दिया है। उन्होंने कहा नाबार्ड उत्तराखंड में वित्तीय समावेशन को बढ़ावा देने के लिए पिछले 3 वर्षों में रुपये 16.48 करोड़ की अनुदान सहायता प्रदान की है। इस सहायता से राज्य में मोबाइल एटीएम वैन, पीओएस मशीन, माइक्रो एटीएम जैसी सुविधाएं स्थापित की गई हैं, जिससे ग्रामीण क्षेत्रों में बैंकिंग सेवाओं की पहुँच बढ़ी है। उन्होंने उत्तराखंड में औद्यानिकी अपार संभावनाएं है। उन्होंने नाबार्ड के अधिकारियों को किसानों की फसलों को सुरक्षित करने हेतु घेरबाड़ की दिशा में कार्य करने के कहा। उन्होंने बंजर भूमि पर मिलेट्स के उत्पादन को बढ़ाने तथा जैविक खेती, पैक हाउस निर्माण और किसानों की फसलों के निर्यात हेतु जैसे फल सब्जी इत्यादि के लिए फाइटो सेनेट्री लैब की दिशा में भी नाबार्ड को कार्य करने के लिए निर्देशित किया गया।
ऐसे में उन्होंने कहा ग्रामीण आधारभूत संरचना विकास निधि (RIDF) के माध्यम से नाबार्ड 11,000 करोड़ से अधिक की परियोजनाओं को मंजूरी दी है। इन परियोजनाओं से राज्य में सिंचाई, सड़क नेटवर्क, पेयजल, और शिक्षा जैसी मूलभूत सुविधाओं का विकास हुआ है। कृषि मंत्री ने नाबार्ड से अपेक्षा है कि, RIDF के तहत उत्तराखंड में बागवानी, जल संरक्षण और सिंचाई परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जाय, जिससे कृषि उत्पादकता में सुधार होगा और किसानों की आय में वृद्धि होगी। उन्होंने कहा नाबार्ड, 3000 से अधिक वित्तीय साक्षरता कार्यक्रमों के माध्यम से ग्रामीण आबादी को डिजिटल बैंकिंग और वित्तीय सुविधाओं व उत्पादों के बारे में जागरूक किया है। उन्होंने कहा नाबार्ड राज्य की ऋण नियोजन क्रेडिट प्लानिंग में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है तथा हर वर्ष राज्य सरकार एवं अन्य सभी हितधारकों से चर्चा कर प्रदेश का स्टेट फोकस पेपर तैयार करता है। राज्य सरकार, इस ऋण योजना के प्रभावी कार्यान्वयन के लिए नाबार्ड एवं सभी हितधारकों के साथ मिलकर काम करेगा, ताकि प्रदेश में पूंजी निवेश बढ़े और यह भी सुनिश्चित हो सके कि ऋण वास्तव में जरूरतमंद लोगों तक पहुंचे और इसका सही उपयोग हो।
इस दौरान सचिव कृषि डॉ.सुरेंद्र नारायण पांडे, आरडी आरबीआई अरविंद कुमार, सीजीएम नाबार्ड वीके बिष्ट, कुलपति डॉ.मनमोहन सिंह चौहान, पद्मश्री किसान प्रेम चंद्र शर्मा कृषि निदेशक केसी पाठक सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहें।