बुधवार को विधानसभा यूसीसी विधेयक को पेश करते हुए मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने सभी प्रदेशवासियों को बधाई देते हुए कहा कि आज हमारे उत्तराखंड की विधायिका एक इतिहास रचने जा रही है। आज इस ऐतिहासिक क्षण का साक्षी बनते हुए, न केवल इस सदन को बल्कि उत्तराखंड के प्रत्येक नागरिक को गर्व की अनुभूति हो रही है।
बता दें कि सीएम धामी ने कहा कि हमारी सरकार ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी के ’’एक भारत और श्रेष्ठ भारत’’ मंत्र को साकार करने के लिए उत्तराखण्ड में समान नागरिक संहिता लाने का वादा किया था। प्रदेश की देवतुल्य जनता ने हमें इस उद्देश्य की पूर्ति के लिए अपना आशीर्वाद देकर पुनः सरकार बनाने का मौका दिया। सरकार गठन के तुरंत बाद, पहली कैबिनेट की बैठक में ही समान नागरिक संहिता बनाने के लिए एक विशेषज्ञ समिति के गठन किया। 27 मई 2022 को उच्चतम न्यायालय की सेवानिवृत्त न्यायाधीश रंजना प्रकाश देसाई के नेतृत्व में पांच सदस्यीय समिति गठित की गई, देश के सीमांत गांव माणा से प्रारंभ हुई यह जनसंवाद यात्रा करीब नौ माह बाद 43 जनसंवाद कार्यक्रम करके नई दिल्ली में पूर्ण हुई।
वहीं सीएम धामी ने कहा कि हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी विकसित भारत का सपना देख रहे हैं। भारत दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनने जा रही है। उनके नेतृत्व में यह देश तीन तलाक और धारा-370 जैसी ऐतिहासिक गलतियों को सुधारने के पथ पर है। पीएम मोदी के इन सराहनीय कार्यों को बताते हुए मुख्यमंत्री में पीएम मोदी को राष्ट्रऋषि कह कर संबोधित किए।
साथ ही सीएम ने यूसीसी के इस विधेयक में समान नागरिक संहिता के अंतर्गत जाति, धर्म, क्षेत्र व लिंग के आधार पर भेद करने वाले व्यक्तिगत नागरिक मामलों से संबंधित सभी कानूनों में एकरूपता लाने का प्रयास किया गया है। हमनें संविधान के अनुच्छेद 342 के अंतर्गत वर्णित हमारी अनुसूचित जनजातियों को इस संहिता से बाहर रखा है, जिससे उन जनजातियों का और उनके रीति रिवाजों का संरक्षण किया जा सके।
ऐसे में सीएम ने कहा कि इस संहिता में यह भी स्पष्ट कर दिया गया है कि विवाह केवल और केवल एक पुरुष व एक महिला के मध्य ही हो सकता है। ऐसा करके हमने समाज को एक स्पष्टता देने व देश की संस्कृति को भी बचाने का काम किया है। तथा लिव इन रिलेशनशिप में रहने वालों के लिए पंजीकरण कराना आवश्यक है।
यह भी बता दें कि अपने भाषण के अंत में सीएम धामी ने ये पंक्तियां कही जिसके बाद भारत माता की जय और जय श्री राम के नारे लगे।
विकसित भारत का स्वप्न लिए,
महिला सशक्तिकरण का लक्ष्य लिए,
हम नवनिर्माण पर निकले हैं,
भारत का संविधान लिए,
समता का संकल्प लिए,
समरसता का ध्येय लिए,
राम राज्य की बेला में,
सब लोगों का साथ लिए
हम नवनिर्माण पर निकले हैं
भारत का संविधान लिए
हम नवनिर्माण पर निकले हैं।