चमोली के जिलाधिकारी संदीप तिवारी और जिला आबकारी अधिकारी दुर्गेश्वर कुमार त्रिपाठी के बीच हुआ विवाद सुर्खियों में है। जिसपर शासन को भी एक्शन लेना पड़ा। दुर्गेश्वर त्रिपाठी को शासन ने तत्काल प्रभाव से उन्हें आबकारी आयुक्त कार्यालय से संबद्ध कर दिया है।
बता दें कि यह मामला पिछले कुछ दिनों से चला आ रहा है। जहां एक तरफ जिला आबकारी अधिकारी त्रिपाठी का आरोप है कि जिलाधिकारी तिवारी ने उनके साथ अभद्र भाषा का प्रयोग करते हुए उनके साथ दुर्व्यवहार किया। साथ ही उनके करियर को लेकर भी आपत्तिजनक टिप्पणी की। वहीं दूसरी तरफ जिलाधिकारी तिवारी को जिला आबकारी अधिकारी का नियमों का पालन न करने तथा गुमशुदगी तक की शिकायत आई है। इसके बाद वहां के कुछ स्थानीय लोग भी डीएम तिवारी के समर्थन में दिखाई दिए और उन्होंने मुख्यमंत्री को पत्र भी लिखा।

ऐसे में मामले आगे न बढ़े इस क्रम में शासन ने कार्यवाही करते हुए जिला आबकारी अधिकारी दुर्गेश्वर कुमार त्रिपाठी को जिले से हटाने के आदेश जारी किए हैं। उन्हें प्रमुख सचिव आबकारी एल फैनई के आदेश से कार्यालय आबकारी आयुक्त उत्तराखंड में संबद्ध किया गया है।
यही नहीं शासन के आदेशानुसार, चमोली में कार्यरत वरिष्ठतम आबकारी निरीक्षक अग्रिम आदेशों तक प्रभारी जिला आबकारी अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार के रूप में जिम्मेदारी संभालेंगे। यानी वे जिला आबकारी अधिकारी का अतिरिक्त प्रभार के दायित्वों का निर्वहन करेंगे। हालांकि, इसके लिए उन्हें अलग से कोई वेतन भत्ता नहीं दिया जाएगा।
वहीं आबकारी कार्मिक आयुक्त मोर्चा के सदस्यों ने भी इस मामले को लेकर बैठक कर एक संयोजक मंडल का गठन किया गया। संयोजक मंडल में पत्राचार करने हेतु के. पी. सिंह सहायक आबकारी आयुक्त देहरादून और शिव प्रसाद व्यास आबकारी निरीक्षक देहरादून सदस्यों को अधिकृत किया गया।
आपको यह भी बता दें कि शासन के इस कार्यवाही के बाद जिसमें दुर्गेश्वर त्रिपाठी को देहरादून में आबकारी आयुक्त कार्यालय में संबद्ध किए जाने के बाद मामला खत्म होने के कयास लगाए जा रहें, परन्तु आबकारी विभाग में ठेकों को लेकर बढ़ते विवाद से कहीं न कहीं प्रदेश के धामी सरकार के कार्यप्रणाली पर प्रश्नचिन्ह लग रहा है।