उत्तराखंड सरकार के लिए एक बड़ी उपलब्धि के रूप में भारत सरकार के वित्त मंत्रालय, आर्थिक मामलों के विभाग (एफ.बी. प्रभाग), नई दिल्ली ने राज्य की महत्वाकांक्षी परियोजना को विश्व बैंक के विचारार्थ अनुशंसित किया है। इस परियोजना के अंतर्गत उत्तराखंड सरकार ने राज्य में सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली को और अधिक सक्षम, पारदर्शी एवं जवाबदेह बनाने तथा सेवा प्रदाय व्यवस्था को सुदृढ़ करने के उद्देश्य से विश्व बैंक से लगभग ₹680 करोड़ (लगभग 80 मिलियन अमेरिकी डॉलर) की बाह्य सहायता का प्रस्ताव प्रस्तुत किया था।
बता दें कि भारत सरकार के वित्त मंत्रालय द्वारा इस प्रस्ताव को विश्व बैंक भारत कार्यालय, नई दिल्ली के कार्यवाहक कंट्री डायरेक्टर पॉल प्रूसी को औपचारिक रूप से प्रेषित किया गया है। पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि उत्तराखंड सरकार के इस प्रस्ताव की प्रति संलग्न करते हुए इसे विचार एवं स्वीकृति हेतु अनुशंसित किया जा रहा है। इस परियोजना का मुख्य उद्देश्य राज्य की वित्तीय प्रणाली को तकनीकी रूप से अधिक आधुनिक, कुशल और पारदर्शी बनाना है, ताकि सरकारी योजनाओं और सेवाओं का लाभ जनता तक तेजी, सटीकता और पारदर्शिता के साथ पहुंच सके। परियोजना के तहत वित्तीय प्रबंधन, बजट नियंत्रण, लेखा प्रणाली, व्यय प्रबंधन और सेवा वितरण के क्षेत्रों में संरचनात्मक सुधार लागू किए जाएंगे।
वहीं सीएम धामी ने इस अनुशंसा पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि “यह उत्तराखंड के वित्तीय सुधार और सुशासन के प्रयासों की बड़ी स्वीकृति है। राज्य सरकार निरंतर प्रयासरत है कि प्रत्येक सरकारी रुपया जनता के हित में पारदर्शिता और उत्तरदायित्व के साथ व्यय हो। विश्व बैंक की यह संभावित सहायता राज्य की वित्तीय प्रणालियों को डिजिटल, सुदृढ़ और परिणामोन्मुख बनाएगी।”
साथ ही सीएम ने कहा कि इस परियोजना से राज्य में राजकोषीय अनुशासन, वित्तीय डेटा पारदर्शिता, और सेवा प्रदाय तंत्र की गुणवत्ता में अभूतपूर्व सुधार आएगा। प्रदेश सरकार के वित्त विभाग के अनुसार, यह परियोजना राज्य की ई-गवर्नेंस और डिजिटल पब्लिक फाइनेंस मैनेजमेंट को नई दिशा देगी। इससे राज्य के प्रत्येक विभाग में वित्तीय अनुशासन, रियल-टाइम मॉनिटरिंग और रिपोर्टिंग प्रणाली को मजबूत किया जाएगा।
हालांकि यह पहल उत्तराखंड को एक वित्तीय रूप से सुदृढ़, पारदर्शी और उत्तरदायी राज्य के रूप में स्थापित करने की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम सिद्ध होगी। भारत सरकार एवं विश्व बैंक के सहयोग से राज्य की वित्तीय प्रशासनिक संरचना को सशक्त बनाने के साथ-साथ नागरिकों तक सरकारी सेवाओं की प्रभावी डिलीवरी सुनिश्चित की जाएगी।
